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महाराष्ट्र सरकार

महाराष्ट्र सरकार ने पशुपालकों को दिया मुआवजा, लगभग 98% हुआ टीकाकरण

महाराष्ट्र सरकार ने पशुपालकों को दिया मुआवजा, लगभग 98% हुआ टीकाकरण

कोरोना महामारी से अभी पूर्ण रुप से निजात मिला ही नहीं था तब तक एक नया महामारी जो पशुओं के लिए काफी घातक साबित हो रहा है, वह है लंपी स्किन रोग (‘लम्पी स्किन डिजीज‘ या एलएसडी ; LSD - Lumpy Skin Disease), विगत कुछ महीने के यह रोग भारत के कई राज्यों में फैल चुका है। आपको यह जान कर हैरानी होगी की इन्ही राज्यों में है महाराष्ट्र, जहाँ के 33 के करीब जिलों में इस रोग से संक्रमित पशु देखे गए हैं। आपको बता दें की इस रोग के कारण यहां के पशुपालक भी काफी चिंतित थे। लेकिन अब महाराष्ट्र सरकार ने इन पशुओं के लिए काफी व्यवस्था की जिससे कुल 1 लाख 73 हजार 528 पशु में से 1 लाख 12 हजार पशु ठीक हो चुके हैं। गौरतलब हो की महाराष्ट्र सरकार ने टीकाकरण का रफ्तार बढ़ा दिया है और आपको जान कर हैरानी होगी की अब तक महाराष्ट्र में 97% टीकाकरण सफलतापूर्वक किया जा चुका है। इस टीकाकरण को सफल बनाने के लिए बहुत सारे निजी संगठन, दुग्ध संघ और पशुपालकों ने भी अपना अहम योगदान दिया है। पशुपालन विभाग के द्वारा बचे हुए पशुओं का भी टीकाकरण जल्द ही पूरा कर लेने की बात की है।

राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन

महाराष्ट्र सरकार ने लंपी स्किन रोग से निपटने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है, जिसका कमान पशुपालन आयुक्त, पुणे को सौंप दिया है। इस टास्क फोर्स के अंदर राज्य के 12 लोग को शामिल किए हैं, जिनको पशुपालन विभाग के अधिकारियों और इन रोग के टिका उत्पादकों के साथ बातचीत के लिए अधिकृत किया है।


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महाराष्ट्र सरकार का पशुपालकों के लिए अनोखा पहल

महाराष्ट्र सरकार ने पशुपालकों के लिए एक राहत का ऐलान किया है, जिसमें उनके द्वारा कहा गया है जान गँवाने वाले प्रति गाय के लिए 30 हजार रुपए और बैल के लिए 25 हजार रुपए दिया जायेगा। इसके अलावा मरने वाले प्रति बछड़े के लिए 16 हजार रुपए दिया गया है। आपको बता दें की इस मुवाजा का पशुपालकों को काफी लंबे समय से इंतजार था, जिससे पशुपालक को काफी सहयोग एवम सहूलियत मिला है। जानकारी के मुताबिक अब तक इस रोग से मरने वाले पशुओं के लगभग 3100 पशुपालकों के लिए उनके खाते में लगभग 8 करोड़ रुपए सीधे जमा किए गए हैं। गौरतलब हो की इस लंपी स्किन रोग का मामला इतना बढ़ गया है की सभी अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है । पशुपालन विभाग ने सभी प्रजनकों को भी पशुओं का टीकाकरण कराने की अपील की है। आपको बता दें कि महाराष्ट्र के बहुत सारे राज्यों को लगभग 141 लाख टीके दिए गए हैं। आपको बता दें कि महाराष्ट्र के लगभग 13 जिलों में टीकाकरण का काम पूरा कर लिया गया है, जिसमे अहमदनगर, धुले, अकोला, बीड, कोल्हापुर, सोलापुर आदि अन्य जिले भी शामिल हैं। अब तक लगभग 98% प्रतिशत गोजातीय पशुओं का टीकाकरण हो जाएगा. जानकारी के लिए लंपी स्किन रोग का पहला मामला जलगांव में अगस्त के महीने में 4 तारीख को आया था।
महाराष्ट्र सरकार की इस योजना से किसानों को 1 रुपये ब्याज पर मिलेगा फसल बीमा

महाराष्ट्र सरकार की इस योजना से किसानों को 1 रुपये ब्याज पर मिलेगा फसल बीमा

जलवायु बदलाव के दुष्परिणामों की वजह से फसल को बेहद हानि का सामना करना पड़ रहा था। परंतु, फिलहाल नव वर्ष के बजट से इस चिंता का भी समाधान कर दूर कर दिया गया है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा 1 रुपये ब्याज पर फसल बीमा देने की घोषणा की गई है। आज पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम झेल रहा है। इसका सर्वाधिक दुष्प्रभाव खेती किसानी पर देखने को मिल रहा है। आकस्मिक बारिश, ओले, बाढ़, सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं के चलते फसलें क्षतिग्रस्त होती जा रही हैं। जो कि ऐसी स्थिति है जब स्वयं किसान भी आर्थिक समस्याओं में फंस जाते हैं। देश में भी जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव साफ तौर पर देखने को मिल रहे हैं। बीते वर्ष विभिन्न राज्यों में मौस्मिक मार से काफी फसल हानि देखी गई है। महाराष्ट्र में भी कुछ इसी तरह की परिस्थितियां देखने को मिलीं हैं। किसानों को बड़ी हानि से बचाने हेतु महाराष्ट्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद देने की घोषणा की गई थी। परंतु, हाल ही में इस परेशानी का स्थायी समाधान निकालते हुए प्रदेश सरकार द्वारा 1 रुपये में फसल बीमा करवाने का ऐलान किया है।

मात्र 1 रुपये ब्याज पर मिल पाएगा फसल का बीमा

देश में प्राकृतिक आपदाओं की वजह से हुई फसल बर्बादी की भरपाई करने हेतु
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जारी की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत किसान स्वयं की फसल के संरक्षण हेतु एक निश्चित बीमा प्रीमियम प्रदान करता है। बदले में हानि होने की स्थिति में बीमा कंपनियों के साथ-साथ केंद्र एवं राज्य सरकारें किसानों की आंशिक भरपाई करती हैं। परंतु, फिलहाल महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य स्तर पर 1 रुपये के ब्याज पर बीमा योजना का ऐलान कर दिया है। इसका सर्वाधिक लाभ उन किसानों को प्राप्त होगा, जो छोटी भूमि पर कृषि करते हैं अथवा बड़ा बीमा प्रीमियम भरने में असमर्थ होते हैं।

राज्य सरकार के द्वारा फसल हानि की भरपाई की जाएगी

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत रबी फसलों हेतु 1.5 फीसद, खरीफ फसलों हेतु 2 फीसद एवं बागवानी फसलों का बीमा करवाने हेतु 5 फीसद बीमा प्रीमियम जमा करना होता है। परंतु, महाराष्ट्र सरकार द्वारा फिलहाल यह चिंता भी समाप्त कर दी गई है। यह भी पढ़ें: PMFBY: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसान संग बीमा कंपनियों का हुआ कितना भला? प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है, कि पूर्व में फसल बीमा योजना का लाभ लेने वाले किसान भाइयों से बीमा की धनराशि का 2 फीसद ब्याज लिया जाता था। फिलहाल, सरकार 1 रुपये में फसल बीमा मुहैय्या करवाने की तैयारी में जुट रही है। इस योजना के अंतर्गत सरकारी खजाने से 3312 करोड़ रुपये का खर्चा किया जाएगा।

महाराष्ट्र राज्य में भी प्राकृतिक कृषि के क्षेत्रफल में होगी वृद्धि

कृषि क्षेत्र में रसायनों के बढ़ते उपयोग से ना केवल मृदा की उपजाऊ क्षमता कमजोर होती जा रही है। साथ ही, रसायन से उत्पादित कृषि उत्पादों से स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। इसी वजह से फिलहाल अधिकांश राज्य सरकारें प्राकृतिक खेती का मॉडल अपना रही हैं। नव वर्ष के बजट में महाराष्ट्र सरकार द्वारा भी आगामी 3 वर्ष में 25 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाने का निर्णय किया है। इसी योजना के अंतर्गत प्रदेश में 1000 बायो-इनपुट संसाधन केंद्र की स्थापना का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
महाराष्ट्र सरकार ने किसानों के हित में एक ऐप का अनावरण किया

महाराष्ट्र सरकार ने किसानों के हित में एक ऐप का अनावरण किया

महाराष्ट्र सरकार ने प्रदेश के किसानों को काफी बड़ी सौगात देते हुए उनके लिए एक नया ऐप तैयार किया है। इस ऐप के माध्यम से महाराष्ट्र के किसान पशुपालन के लिए घर बैठे ही सलाह मशवरा ले सकेंगे। 

केंद्र सरकार हो अथवा राज्य सरकार हो दोनों ही सरकारें किसानों के लिए बेहद हितकारी योजना चलाती हैं। 

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के कृषकों को बड़ी सौगात देते हुए उनके लिए एक नई ऐप बनाई है। इस ऐप के अंतर्गत महाराष्ट्र के कृषकों को पशुपालन के लिए सहूलियत मिलेगी। 

इस ऐप के माध्यम से किसान पशुपालन के लिए घर बैठे ही परामर्श ले सकेंगे। महाराष्ट्र के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने इस ऐप को लॉन्च किया है। 

इस ऐप से किसानों को क्या फायदा होगा ?

महाराष्ट्र सरकार द्वारा तैयार किया गया ऐप जिसका नाम है 'फुले अमृतकाल' पशुसल्ला मोबाइल ऐप। यह किसानों को अलग-अलग परिस्थितियों में सहायता प्रदान करेगी। 

ऐप को लॉन्च करते समय कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने यह भी बताया कि अलग-अलग परिस्थितियों के चलते पशुओं के लिए चारा और पानी के लिए मुश्किल हो जाती है।

यह ऐप ऐसी परिस्थितियों में पशुपालक की सहायता करेगा। इस ऐप के माध्यम से किसान जानवरों को गर्मी के समय तनाव से बचने के लिए छाया कैसे दें यह जान सकते हैं। 

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इसके साथ ही वेंटिलेशन बनाना, पीने के लिए ठंडा पानी उपलब्ध करवाना, पंख और फॉगर प्रणाली को चलाना और पशुओं के लिए संतुलित आहार की योजना बनाना। यह सब काम इस ऐप के माध्यम से हो सकते हैं।

ऐप को कैसे डाउनलोड करें ?

इस ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप गूगल प्ले स्टोर एप का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप सर्च बॉक्स में जाकर 'फुले अमृतकाल (Phule Amrutkal)' टाइप करके सर्च करेंगे, तो आपके सामने पहले स्थान पर ही महाराष्ट्र सरकार की यह फुले अमृतकाल मोबाइल ऐप आ जाएगी। 

इसके बाद आपको इस ऐप पर रजिस्टर करना होगा। इसके लिए आपको अपना नंबर डालना पड़ेगा। इसके बाद ओटीपी दर्ज करनी होगी। फिर आपको अपना पता दर्ज करना होगा। 

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आप रजिस्टर होने के बाद ऐप को दोबारा खोल सकते हैं। इसके बाद आप जिस गौशाला को सेलेक्ट करते हैं या जिस स्थान को सेलेक्ट करते हैं, उसका तापमान और आद्रता सूचकांक आपके सामने आ जाता है। 

जिससे गायों के तनाव की जानकारी मिलती है। फिर उसी हिसाब से आपको सलाह दी जाती है। इस ऐप के माध्यम से ओपन सोर्स मौसम की जानकारी के साथ-साथ आद्रता सेंसर का इस्तेमाल करके आपको रियल टाइम डाटा के आधार पर सलाह दी जाती है।